"तुम्हे सोचूं तो सारा जग में भूल जाऊँ
देखूं ख्वाब संग तेरे, तो में खुद को ही भूल जाऊँ ।
कैसे रहूँ बिन तेरे , अब तो तुम बिन साँसे भी अधूरी सी
में अधूरा सा अब तो ये राते भी अधूरी सी
कैसे इन रातों को अब तुम बिन जीना सीख जाऊ
में कैसे रहूँ तनहा , अब तुम बिन तनहा जीना सीख जाऊ
ख्वाब जो संग तेरे देखूं , में तो सारा जग ही भूल जाऊँ ।।
write by :- dilip rathore"