साहिल पे जाके ख़ामोशी बैठें हम भी सुना है तूफ़ | हिंदी शायरी

"साहिल पे जाके ख़ामोशी बैठें हम भी सुना है तूफ़ा बड़ी ख़ामोशी के बाद आता है तेरा ज़िक्र जुबां पे पहले आता है उसके बाद तू बहुत याद आता है ©RUDRA"

 साहिल पे जाके ख़ामोशी बैठें हम भी 

सुना है   तूफ़ा  बड़ी ख़ामोशी के बाद  आता है 










तेरा ज़िक्र जुबां पे पहले आता है 


उसके बाद तू बहुत याद आता है

©RUDRA

साहिल पे जाके ख़ामोशी बैठें हम भी सुना है तूफ़ा बड़ी ख़ामोशी के बाद आता है तेरा ज़िक्र जुबां पे पहले आता है उसके बाद तू बहुत याद आता है ©RUDRA

#dost

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