डायरी में सूखे फूल याद दिलाते हैं, कभी मुकम्मल ना | हिंदी Shayari

"डायरी में सूखे फूल याद दिलाते हैं, कभी मुकम्मल ना हुआ प्यार, तो कभी चल रहे प्यार की शुरुआत। सोखने की ताकत यदि ईश्वर ना देता पन्नों को तो पता कर पाते कैसे होते होंगे दिल को पन्नों पर उड़ेलने वाले जज्बात। ©NISHU MISHRA"

 डायरी में सूखे फूल याद दिलाते हैं, कभी मुकम्मल ना हुआ प्यार,
तो कभी चल रहे प्यार की शुरुआत।
 सोखने की ताकत यदि ईश्वर ना देता पन्नों को
 तो पता कर पाते कैसे होते होंगे दिल को पन्नों पर उड़ेलने वाले जज्बात।

©NISHU MISHRA

डायरी में सूखे फूल याद दिलाते हैं, कभी मुकम्मल ना हुआ प्यार, तो कभी चल रहे प्यार की शुरुआत। सोखने की ताकत यदि ईश्वर ना देता पन्नों को तो पता कर पाते कैसे होते होंगे दिल को पन्नों पर उड़ेलने वाले जज्बात। ©NISHU MISHRA

रद्दी ख़्याल 🤍🖤...

People who shared love close

More like this

Trending Topic