White फूल बार बार खिले
पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव
नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर
सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी
ना ही बारिशें वापस लौटीं बादलों की ओर
प्रकृति में सुंदरता थी प्रेम की पराकाष्ठा की
प्रेम अपनी पराकाष्ठा में सबसे सुंदर था ।
©Durga Gautam
#good_night फूल बार बार खिले
पेड़ों ने नहीं रोकी अपनी छांव
नदियों ने भी नहीं बनाए बांध अपने ऊपर
सूरज सींचता रहा धरती को ऊष्मा से अपनी
ना ही बारिशें वापस लौटीं बादलों की ओर
प्रकृति में सुंदरता थी प्रेम की पराकाष्ठा की
प्रेम अपनी पराकाष्ठा में सबसे सुंदर था ।