हूं खड़ा मैं ज़ख्म सह कर, चाहता कुछ और हूं, और ह | हिंदी Quotes

"हूं खड़ा मैं ज़ख्म सह कर, चाहता कुछ और हूं, और हो रहा कुछ और है, जीतने का ख़्वाब दिल में हारने का दौर है ! ©Shivam Yadav"

 हूं खड़ा मैं ज़ख्म सह कर,

चाहता कुछ और हूं, 
और हो रहा कुछ और है,
जीतने का ख़्वाब दिल में  हारने का दौर है !

©Shivam Yadav

हूं खड़ा मैं ज़ख्म सह कर, चाहता कुछ और हूं, और हो रहा कुछ और है, जीतने का ख़्वाब दिल में हारने का दौर है ! ©Shivam Yadav

#Nightlight

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