ऐसा जो पहले कभी समझ ना आया था 'दर्द होता है मुझे भ | हिंदी कविता Video

"ऐसा जो पहले कभी समझ ना आया था 'दर्द होता है मुझे भी' यही समन्दर ने बतलाया था 'रत्न समझ कर बेचा तुमने वो संतानें थीं मेरी' 'अपना कचरा मुझमें डाला बस यही औकात है तेरी'!! 'जिस रेत पर खड़े हो तुम उसने गहराई जानी है सन्देश दे रही है वो तुमको आज समय रहते संभल जाओ प्यारे!!!! वरना मैंने कब किसी की मानी है'!!! ©Barkha "

ऐसा जो पहले कभी समझ ना आया था 'दर्द होता है मुझे भी' यही समन्दर ने बतलाया था 'रत्न समझ कर बेचा तुमने वो संतानें थीं मेरी' 'अपना कचरा मुझमें डाला बस यही औकात है तेरी'!! 'जिस रेत पर खड़े हो तुम उसने गहराई जानी है सन्देश दे रही है वो तुमको आज समय रहते संभल जाओ प्यारे!!!! वरना मैंने कब किसी की मानी है'!!! ©Barkha

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