मैं उस बस्ती में माचिस लिए बैठा हूँ जहाँ जलने के ल | हिंदी शायरी

"मैं उस बस्ती में माचिस लिए बैठा हूँ जहाँ जलने के लिए बेताब बैठे है लोग"

 मैं उस बस्ती में माचिस लिए बैठा हूँ
जहाँ जलने के लिए बेताब बैठे है लोग

मैं उस बस्ती में माचिस लिए बैठा हूँ जहाँ जलने के लिए बेताब बैठे है लोग

#माचिस
#राज मस्ताना
#शेर

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