White मेरे एहसास " तुम वापस क्यों आ गए" ======== | हिंदी कवि

"White मेरे एहसास " तुम वापस क्यों आ गए" ================== तुम वापस क्यों आ गए - - - अभी अभी तो मैं तुम्हारे बिना जीना सिख ही रही थी, तुमने जो हमें टुकड़ों में तोड़ गऐ थे, जाने कितने किश्तों हमें मार गए थे, अभी तो उन टूकडो को एक एक कर जोड़ ही रही थी ज़िन्दगी को वापस जीने के किश्त चुका ही रही थी, आके फिर मेरे सारे हिसाब भूला क्यों गए ।। तुम वापस क्यों आ गए - - - - अभी अभी तो छेड़ा था एक नया आलाप दिल ने, अभी अभी तो कोई नया गीत गया था दिल ने, बेरंग, बेजान ज़िन्दगी को नया संगीत मिल गया था, बेज़ार सी मेरी दुनिया में बहार ए इश्क के फुल खिल गए थे, आके उजाड़ क्यों दिए मेरे इस खुबसूरत जहाँ के रंगत सारे , तुम क्यों साज़ ए ग़म के तार सारे छेड़ गए ।। तुम वापस क्यों आ गए - - - - अभी अभी तो सुखे थे दोनों सागर के नमकीन पानी, अभी अभी तो दिल ने तुझे गैर मना ही था, क्यों दिल के सारे ग़ूमान मिटाने को आ गए, क्यों वह पीछे छूटा हुआ वक्त याद दिलाने आ गए, वह दर्द के आलम जो भूलाने चली थी,याद सारे दिला गए ।। तुम वापस क्यों आ गए - - - - ©Preet K. Chatterjee "

White मेरे एहसास " तुम वापस क्यों आ गए" ================== तुम वापस क्यों आ गए - - - अभी अभी तो मैं तुम्हारे बिना जीना सिख ही रही थी, तुमने जो हमें टुकड़ों में तोड़ गऐ थे, जाने कितने किश्तों हमें मार गए थे, अभी तो उन टूकडो को एक एक कर जोड़ ही रही थी ज़िन्दगी को वापस जीने के किश्त चुका ही रही थी, आके फिर मेरे सारे हिसाब भूला क्यों गए ।। तुम वापस क्यों आ गए - - - - अभी अभी तो छेड़ा था एक नया आलाप दिल ने, अभी अभी तो कोई नया गीत गया था दिल ने, बेरंग, बेजान ज़िन्दगी को नया संगीत मिल गया था, बेज़ार सी मेरी दुनिया में बहार ए इश्क के फुल खिल गए थे, आके उजाड़ क्यों दिए मेरे इस खुबसूरत जहाँ के रंगत सारे , तुम क्यों साज़ ए ग़म के तार सारे छेड़ गए ।। तुम वापस क्यों आ गए - - - - अभी अभी तो सुखे थे दोनों सागर के नमकीन पानी, अभी अभी तो दिल ने तुझे गैर मना ही था, क्यों दिल के सारे ग़ूमान मिटाने को आ गए, क्यों वह पीछे छूटा हुआ वक्त याद दिलाने आ गए, वह दर्द के आलम जो भूलाने चली थी,याद सारे दिला गए ।। तुम वापस क्यों आ गए - - - - ©Preet K. Chatterjee

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