मुक्तक -- पहचान भारत
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दया श्रद्धा धरम बिसवास हे,
पहचान भारत के।
बहुत पबरित हावय गीता,
अउ बेद पुरान भारत के।
बोहावत हे जम्मो हिरदे म,
निसदिन प्रेम के गंगा।
तभे संसार म हावय,
बहुत सम्मान भारत के।
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डिजेन्द्र कुर्रे"कोहिनूर"
©डिजेन्द्र कुर्रे
Atul vasava AMBRISH CHANDRA BHARAT