"रोते हुए दिल को चुप कौन करे ll
अपनी शायरी प्रस्तुत कौन करे ll
सभी के अपने-अपने दुःख हैं,
दूसरों के लिए दु:ख कौन करे ll
मुश्किलों से ताल्लुक है मेरा,
अब और तकल्लुफ़ कौन करे ll
पुराने सारे दोस्त दुश्मन हो गए हैं,
नये दोस्तों से तआ'रुफ कौन करे ll
अभी मौत बची है आने को,
इतनी जल्दी उफ कौन करे ll"
©Akhilesh Dixit
#hugday