कौन पढ़ता है इन सायरियों को बेवजह कोई इनमे अपना दर | हिंदी Shayari

"कौन पढ़ता है इन सायरियों को बेवजह कोई इनमे अपना दर्द तो कोई इनमे अपनी मुहब्बत ढूंढता है ©Shaikh Imran"

 कौन पढ़ता है इन सायरियों को बेवजह
कोई इनमे अपना दर्द
तो कोई इनमे अपनी 
मुहब्बत ढूंढता है

©Shaikh Imran

कौन पढ़ता है इन सायरियों को बेवजह कोई इनमे अपना दर्द तो कोई इनमे अपनी मुहब्बत ढूंढता है ©Shaikh Imran

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