चलाते रहे जो तीर ए नजर यूँही तो लोग आपको शिकारी सम | हिंदी कविता

"चलाते रहे जो तीर ए नजर यूँही तो लोग आपको शिकारी समझेंगे मत निकलना होली पर ज्यादा पुराने कपड़े पहनकर दोस्तों नही तो लोग आपको भिखारी समझेंगे शुभ होली ©Praveen Kumar Saroha From Saharanpur"

 चलाते रहे जो तीर ए नजर यूँही तो लोग आपको शिकारी समझेंगे
मत निकलना होली पर ज्यादा पुराने कपड़े पहनकर दोस्तों नही तो लोग आपको भिखारी समझेंगे
शुभ होली

©Praveen Kumar Saroha From Saharanpur

चलाते रहे जो तीर ए नजर यूँही तो लोग आपको शिकारी समझेंगे मत निकलना होली पर ज्यादा पुराने कपड़े पहनकर दोस्तों नही तो लोग आपको भिखारी समझेंगे शुभ होली ©Praveen Kumar Saroha From Saharanpur

#Holi

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