रुसवाइयों का वो आलम बड़ा अज़ीज़ था, नफ़रत के चोटी

"रुसवाइयों का वो आलम बड़ा अज़ीज़ था, नफ़रत के चोटी पर बैठा,कोई बेहद करीब था, (A) (Written by Rudra Srivastava)"

 रुसवाइयों का वो आलम बड़ा अज़ीज़ था,
नफ़रत के चोटी पर बैठा,कोई बेहद करीब था,
(A)

(Written by Rudra Srivastava)

रुसवाइयों का वो आलम बड़ा अज़ीज़ था, नफ़रत के चोटी पर बैठा,कोई बेहद करीब था, (A) (Written by Rudra Srivastava)

21 August 2025

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