काश कि तुम्हारा यूं आना न होता या आकर यूँ बीच मे | मराठी Shayari

"काश कि तुम्हारा यूं आना न होता या आकर यूँ बीच मे छोड़कर जाना न होता खुश थे जैसे भी थे किसने कहा था यूँ बेवजह मेरी ज़िंदगी मे दाखिल हो जाना ©Ankita sri"

 काश कि तुम्हारा यूं आना न होता
या 
आकर यूँ बीच मे छोड़कर जाना न होता
खुश थे जैसे भी थे 
किसने कहा था
यूँ बेवजह मेरी ज़िंदगी मे दाखिल हो जाना

©Ankita sri

काश कि तुम्हारा यूं आना न होता या आकर यूँ बीच मे छोड़कर जाना न होता खुश थे जैसे भी थे किसने कहा था यूँ बेवजह मेरी ज़िंदगी मे दाखिल हो जाना ©Ankita sri

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