जब दिल का दरवाजा खोला
वो बस एक ही बात बोला
शायद थोड़ा नाराज था
पहली बार देखने को मिला उसका एक नया अंदाज था
बोला क्यों हर बात से मुझे ही जोड़ते
क्यों बात बात पर दिल को ही तोड़ते
कभी दिमाग को भी देखो
कभी उसका गुरुर भी निकाल फेंको
मैंने मुस्कुरा कर कहा
ओ मेरे प्यारे दिल तू कितना है भोला
हम हर बात से तुझे इसीलिए जोड़ते
बात बात पर इसीलिए तोड़ते
क्योंकि तू धड़क धड़क कर बताता है हर बात
हर परिस्थिति में देता है हमारा साथ
तो तू क्यों होता है इतना नाराज
इतना सुन दिल बोला कर दो मुझको माफ
अब जिंदगी भर निभाऊंगा तुम्हारा साथ
©palak patel
#hearts