Love and Hate कच्ची कली थी वो हम गुलाब समझ बैठे!
तर्जुबा भी पा लिया था उसने
तो हम उसे हमराज समझ बैठे !
जो जहन मै आया वो बंया करते गये!
दुर से ही सही मगर उसके साथ चलते गये!
हमारे हुनर पर उसने मजाक बनाये
फिर भी हम उसके अल्फाजो
को नजर अंदाज करते गये!
न हो वो बदनाम बस यही तमन्ना थी तभी तो
साहब
ये जख्म गेहराई मे उतर ते गये !
❤❤❤❤❤
Ek_kalamkaar_k.t
©kt
yrrrr