सुनिए जी मैं कभी भी नही लिखना चाहती आपके बारे में...
जानते हैं क्यों क्योंकि मैं नही चाहती कि आपका जिक्र करके किसी और को कभी मौका भी दूँ आपसे इश्क़ करने का...
आप इतने अच्छे हो कि शायद जब कोई आपको देखे तो खुदा से कहे कि क्या कमी रह गई मेरी दुआ में जो ऐसी मोहब्बत हमे नसीब नही हुई...
मेरी पसंद नापसंद मेरी खुशी ;मेरी उदासी; मेरा देर रात तक जागना हर एक बात की परवाह होती है आपको....
ऐसा नही है कि मैं आपसे मोहब्बत नही करती पर कभी कहती नही जानते हो क्यू क्यूंकि मै चाहती हूं मुझसे ज्यादा आप मुझसे मुहब्बत करो..
सुनो हाँ कभी मोहब्बत के लंबे लंबे वादे नही किये मैंने आपसे पर जब कभी उदास होती हूं तो एक आपकी बाहों का सहारा चाहिए होता है...जब खुश होती हूं तो लगता है कि आप आकर मेरा माथा चूम लो...
आपके हर लम्हे में खुद को शामिल करना चाहती हूँ मैं...
आपने अपनी मोहब्बत बनाया है मुझे और मैं आपकी जिंदगी बन गई हूँ