"सुख -दुःख की धूप -छाॅव से आगे निकल गए,
हम खहिशों की चाह से भी आगे निकल गए।
तूफान समझता रहा हम डूब गए,
आॅधी मे हम हवा के आगे निकल गए।
लहरो ने पिछे तो खींचा,
बचकर उससे भी हम सफलता की सीड़ी चड़ गए।।"
सुख -दुःख की धूप -छाॅव से आगे निकल गए,
हम खहिशों की चाह से भी आगे निकल गए।
तूफान समझता रहा हम डूब गए,
आॅधी मे हम हवा के आगे निकल गए।
लहरो ने पिछे तो खींचा,
बचकर उससे भी हम सफलता की सीड़ी चड़ गए।।