एक खुबसुरत ख़्याल हो तुम
एक डरावनी सच्चाई हो तुम
भूतकाल की गलती हो तुम
भविष्य की मुत्यु हो तुम
एक मिठा सा एहसास हो तुम
एक कड़वे जिव्हा के राजा हो तुम
शरीर को मेरे लगा जहर हो तुम
मन को मारने वाला रावण हो तुम
एक तुफान से भरा सच हो तुम
एक लहरों से भरी बाढ़ हो तुम
आत्मा को चुराने वाले चोर हो तुम
जीवन को काला बनाने वाले शैतान हो तुम
©VAniya writer *
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