होठों मे दबी हुई बात अब सिसकियां हो गयीं उसके नाम जो लिखीं देने को ना जाने कितनी चिट्ठियां हो गयीं अब बयां करू भी दिल के जज्बात तो भला कैसे अब तो कालेज मे छुट्टियां हो गयीं ©shailesh pandit intijaar #shaileshpanditintijaar हवस में डूब जाती है मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ की जà¥à¤¸à¥à¤¤à¤œà¥‚ वरना ये चाह. हवस में डूब जाती है मà¥à¤¹à¤¬à¥à¤¬à¤¤ की जà¥à¤¸à¥à¤¤à¤œà¥‚ वरना ये चाहत कम हंसी खà¥à¤¯à¤¾à¤² नहीं Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto