अनपढ़ यहां देखो पढ़ाई बेच रहे हैं, नए लोग बन के घर ज | हिंदी कॉमेडी
"अनपढ़ यहां देखो पढ़ाई
बेच रहे हैं,
नए लोग बन के घर जमाई
बेच रहे हैं,
मोदी जी तो चांदी के वर्क
जैसे हो गए,
जिसको लगा के सब मिठाई
बेच रहे हैं।
कवि प्रशान्त अग्रवाल"
अनपढ़ यहां देखो पढ़ाई
बेच रहे हैं,
नए लोग बन के घर जमाई
बेच रहे हैं,
मोदी जी तो चांदी के वर्क
जैसे हो गए,
जिसको लगा के सब मिठाई
बेच रहे हैं।
कवि प्रशान्त अग्रवाल