वो कह रहा है,
गहरा समुद्र है किनारा ना दिखे,
संग नाव नहीं किसी का सहारा ना दिखे,
सिर्फ हौसला है अरमान पूरा करना है
सपनों की हकीकत में सभी रंग भरना है।
शायद नहीं जानता,
घर चाहत कुछ पाने की हो, मंजिल करीब आती है
हौसलों में जान हो, चींटी पर्वत चढ़ जाती है,
कुदरत, वक्त साथ उन्ही के चलता है
घबराए ना जो बाधाओं से
हर हाल में खुशहाल रहता है।
©arvind bhanwra ambala. India
हौसला