जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे, अभी रास्ते हैं टूटे, | हिंदी कविता

"जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे, अभी रास्ते हैं टूटे, और उखड़े हुए बस मेहनत करो और ध्यान रखो, जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे|| भीड़ बहुत है, धूप भी कम नहीं टूटी है चप्पल, तो पैर भी जलेंगे ऊंचा पहाड़ है, तो क्या हुआ? शुरू तो कर, इति भी कर जाएंगे तू मान, तू समझ, तू धारण कर जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे|| ©Raj Aryan Yadav"

 जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे,
अभी रास्ते हैं टूटे, और उखड़े हुए
बस मेहनत करो और ध्यान रखो,
जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे||

भीड़ बहुत है, धूप भी कम नहीं 
टूटी है चप्पल, तो पैर भी जलेंगे
ऊंचा पहाड़ है, तो क्या हुआ?
शुरू तो कर, इति भी कर जाएंगे
तू मान, तू समझ, तू धारण कर
जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे||

©Raj Aryan Yadav

जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे, अभी रास्ते हैं टूटे, और उखड़े हुए बस मेहनत करो और ध्यान रखो, जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे|| भीड़ बहुत है, धूप भी कम नहीं टूटी है चप्पल, तो पैर भी जलेंगे ऊंचा पहाड़ है, तो क्या हुआ? शुरू तो कर, इति भी कर जाएंगे तू मान, तू समझ, तू धारण कर जहाँ जाएंगे, कमाल कर जाएंगे|| ©Raj Aryan Yadav

कमाल कर जाएंगे🚀

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