कुछ यूं तेरे एहसासों की लौ सुलगती है
कि मेरा ज़र्रा-ज़र्रा तक उसमें पिघलता है
ये हवाएं भी अचानक से चलने लग जाती हैं
जब कभी तू मेरे ख्यालों से होकर गुजरता है
तेरी मौजूदगी से ही रातें सांस लेती हैं
तेरे होने से ही ये दिन भी धड़कता है
ऐसा नहीं है कि तेरे बगैर हम मर ही जाएंगे
पर तेरे बिन जीना भी तो मुश्किल सा लगता है
-tujhse_hairanhuzindagi
©Pratishtha Tripathi
तुम
#allalone