White कितनहुं जस को बस करे, सब-कुछ हो बेकार। मालि | हिंदी Poetry

"White कितनहुं जस को बस करे, सब-कुछ हो बेकार। मालिक अब जो भी करे, सब मुझको स्वीकार।। करनी अपने हाथ है , करनी भरनी होय। करनी से प्रारब्ध है, जस करनी तस होय।। बिया लगाया समय पर, हुई फसल तैयार। बरसे पहले काटिए, सफल सजग तैयार।। बुरा कहें किसको यहां, बुरा न जग में कोय। समय खिलाता खेल जस, बुरा भला तस होय।। जनम मिला सुख-दुख मिले, मिले मतलबी लोग। ख़ुशबू बन जीवन जिया, मसल - कुसुम संयोग।। ©Shiv Narayan Saxena"

 White कितनहुं  जस को बस करे, सब-कुछ हो बेकार।
मालिक अब जो भी करे, सब मुझको स्वीकार।।

करनी अपने  हाथ है , करनी  भरनी होय।
करनी से प्रारब्ध है, जस करनी तस होय।।

बिया लगाया  समय पर, हुई फसल तैयार।
बरसे पहले काटिए,  सफल सजग तैयार।।

बुरा  कहें  किसको  यहां,  बुरा  न जग में कोय।
समय खिलाता खेल जस, बुरा भला तस होय।।

जनम  मिला सुख-दुख मिले, मिले मतलबी लोग।
 ख़ुशबू बन जीवन जिया,  मसल - कुसुम संयोग।।

©Shiv Narayan Saxena

White कितनहुं जस को बस करे, सब-कुछ हो बेकार। मालिक अब जो भी करे, सब मुझको स्वीकार।। करनी अपने हाथ है , करनी भरनी होय। करनी से प्रारब्ध है, जस करनी तस होय।। बिया लगाया समय पर, हुई फसल तैयार। बरसे पहले काटिए, सफल सजग तैयार।। बुरा कहें किसको यहां, बुरा न जग में कोय। समय खिलाता खेल जस, बुरा भला तस होय।। जनम मिला सुख-दुख मिले, मिले मतलबी लोग। ख़ुशबू बन जीवन जिया, मसल - कुसुम संयोग।। ©Shiv Narayan Saxena

#sad_quotes समय खिलाता खेल जो.....

People who shared love close

More like this

Trending Topic