नौ देवियों की पूजा मां ही मंदिर मां सा कहां कोई द | हिंदी कविता

"नौ देवियों की पूजा मां ही मंदिर मां सा कहां कोई दूजा महालक्ष्मी महाकाली महासरस्वती घर-घर दुर्गा सप्तशती का पाठ गुंजा हे माता वरदान देने सबके घर आजा या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः माता सिद्धिदात्री को प्रणाम महानवमी की आशेष मंगल कामनाएं ©अनुराग अचल"

 नौ देवियों की पूजा 
मां ही मंदिर मां सा कहां कोई दूजा 
महालक्ष्मी महाकाली महासरस्वती
घर-घर दुर्गा सप्तशती का पाठ गुंजा 
हे माता वरदान देने सबके घर आजा 

या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै 
नमो नमः 
माता सिद्धिदात्री को प्रणाम 
महानवमी की आशेष मंगल कामनाएं

©अनुराग अचल

नौ देवियों की पूजा मां ही मंदिर मां सा कहां कोई दूजा महालक्ष्मी महाकाली महासरस्वती घर-घर दुर्गा सप्तशती का पाठ गुंजा हे माता वरदान देने सबके घर आजा या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः माता सिद्धिदात्री को प्रणाम महानवमी की आशेष मंगल कामनाएं ©अनुराग अचल

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