हर सुबह इक नई शुरुआत लिए उठता हूं, एक नया दिन शाय | हिंदी शायरी Video

"हर सुबह इक नई शुरुआत लिए उठता हूं, एक नया दिन शायद कुछ अच्छा मिले, शायद कुछ अच्छा हो मगर शाम आते आते फिर वहीं पहुंच जाता हूं, उम्मीदें फिर एक बार टूट जाती हैं, और फिर हर रात की तरह नई सुबह के इंतजार में बैठ जाता हूं की शायद....... रोहित की कलम ©Rishu "

हर सुबह इक नई शुरुआत लिए उठता हूं, एक नया दिन शायद कुछ अच्छा मिले, शायद कुछ अच्छा हो मगर शाम आते आते फिर वहीं पहुंच जाता हूं, उम्मीदें फिर एक बार टूट जाती हैं, और फिर हर रात की तरह नई सुबह के इंतजार में बैठ जाता हूं की शायद....... रोहित की कलम ©Rishu

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