वक्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है, सूरज भी समय से ढल | हिंदी शायरी

"वक्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है, सूरज भी समय से ढल रहा है। जिसने भी गवां दिया कीमती समय को, वह बैठ कर तन्हा अपने हाथ मल रहा है। ©एल जी शर्मा"

 वक्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है,
सूरज भी समय से ढल रहा है।
जिसने भी गवां दिया कीमती समय को,
वह बैठ कर तन्हा अपने हाथ मल रहा है।

©एल जी शर्मा

वक्त अपनी रफ़्तार से चल रहा है, सूरज भी समय से ढल रहा है। जिसने भी गवां दिया कीमती समय को, वह बैठ कर तन्हा अपने हाथ मल रहा है। ©एल जी शर्मा

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