इश्क़ का अंजाम न जिद है न गुरूर है हमें
बस तुम्हें पाने का सुरूर है हमें
इश्क गुनाह है तो गुनाह ही सही
सजा जो भी हो मंजूर है हमें..
©Mohit Kumar Goyal
न जिद है न गुरूर है हमें
बस तुम्हें पाने का सुरूर है हमें
इश्क गुनाह है तो गुनाह ही सही
सजा जो भी हो मंजूर है हमें..
#ishq