White उठेगा शीष कि अब बारी चलने की है अपनी आन की ख | हिंदी भक्ति

"White उठेगा शीष कि अब बारी चलने की है अपनी आन की खातिर उठने की है एक एक करके सच सबके दिख गये अबके बारी ख़ुद को पहचानने की है जो थाम ले़ हाथ खुदा, दुनिया से लड़ जाऊ ये जहां क्या, इश्क़ को भी भूल जाऊ रख दे हाथ सिर पर मेरे उम्मीद की मशाल रूह को थमा जाऊ हे शिव! मेरे मै तेरे साये मे रह कर तर जाऊ ©Dr. Kritika Joshi (psycwriter)"

 White उठेगा शीष कि अब बारी चलने की है
अपनी आन की खातिर उठने की है
एक एक करके सच सबके दिख गये
अबके बारी ख़ुद को पहचानने की है
जो थाम ले़ हाथ खुदा, दुनिया से लड़ जाऊ
ये जहां क्या, इश्क़ को भी भूल जाऊ 
रख दे हाथ सिर पर मेरे
उम्मीद की मशाल रूह को थमा जाऊ
हे शिव!  मेरे 
मै तेरे साये मे रह कर तर जाऊ

©Dr. Kritika Joshi (psycwriter)

White उठेगा शीष कि अब बारी चलने की है अपनी आन की खातिर उठने की है एक एक करके सच सबके दिख गये अबके बारी ख़ुद को पहचानने की है जो थाम ले़ हाथ खुदा, दुनिया से लड़ जाऊ ये जहां क्या, इश्क़ को भी भूल जाऊ रख दे हाथ सिर पर मेरे उम्मीद की मशाल रूह को थमा जाऊ हे शिव! मेरे मै तेरे साये मे रह कर तर जाऊ ©Dr. Kritika Joshi (psycwriter)

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