White मुझ पे तू एक एहसान कर।
मेरी फरियाद तू स्वीकार कर।
हूं मैं निहायती घमंडी, अल्हड़–सा लड़का—
तू खुद को न मुझ पे यूं बर्बाद कर।
अपना अध्याय तू आगे भी जारी रख—
अपने ख्यालों से तू मुझको अब आजाद कर।
मैं सीने से लगा भी सकता हूं बगैर इजाज़त के—
खुद को न तू मेरे यूं रूह–ब–रूह कर।
इससे पहले कि इरादा बदले तेरा—
मुझको अपनी निगाहों से अब तू दूर कर।
©Mohit Singhaniya
#SAD gazal