आओ कुछ पल बात करो
देर जरा कुछ साथ चलो
साथ चलोगी समझ सकोगी
क्या हूँ मैं? वो परख सकोगे
बिन सुने फिर बोलना क्या
बातों को फिर तौलना क्या
यकीं और थोड़ा बढ़ जाएगा
जमा हुआ सब बह जाएगा
कहती तो हो साथ चलेंगे
क्या मंज़िल पर साथ रहेंगी
ढूंढू मैं इक सुकून ठिकाना
तुम चाहो बस चलते जाना
मेरी श्रद्धा को भी समझो
रुको जरा फिर तुम परखो
चलते चलते सब छूट जाएगा
उम्मीदों का बंधन टूट जाएगा
#CalmingNature @KRISHNA KUMAR KUSHVAHA G. P. Gupta, Dir. Trust mathematics tutorial @Radhika sweety Satyam Thakur @Tarakeshwar Dubey