श्लोक- वाणी रसवती यस्य,यस्य श्रमवती क्रिया ।  लक्ष | हिंदी विचार

"श्लोक- वाणी रसवती यस्य,यस्य श्रमवती क्रिया ।  लक्ष्मी : दानवती यस्य,सफलं तस्य जीवितं ।। अर्थात:- जिस मनुष्य की वाणी मीठी है, जिसका कार्य परिश्रम से युक्त है, जिसका धन दान करने में प्रयुक्त होता है, उसका जीवन सफल है। -:मित्रों:- "भाषा" एक ऐसा वस्त्र है, जिसको यदि शालीनता से नहीं पहना तो संपूर्ण व्यक्तित्व ही निर्वस्त्र हो जाता है...!!!" जय श्री कृष्णा... 💐"

श्लोक- वाणी रसवती यस्य,यस्य श्रमवती क्रिया ।  लक्ष्मी : दानवती यस्य,सफलं तस्य जीवितं ।। अर्थात:- जिस मनुष्य की वाणी मीठी है, जिसका कार्य परिश्रम से युक्त है, जिसका धन दान करने में प्रयुक्त होता है, उसका जीवन सफल है। -:मित्रों:- "भाषा" एक ऐसा वस्त्र है, जिसको यदि शालीनता से नहीं पहना तो संपूर्ण व्यक्तित्व ही निर्वस्त्र हो जाता है...!!!" जय श्री कृष्णा... 💐

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