"❤️एक रोज ऐसी अपनी रात होगी
छत के चौबारे में शायरी वाली बात होगी
सर्द हवाओं में गर्म साथ तुम्हारा
वो ऐसी अपनी मुलाकात होगी
तुम साड़ी पहने बालों में फूल लगाए हुए
तुम्हारी हर अदा मेरे दिल पर घात होगी
मुस्कुराते हुए चांद को घुरूंगा मैं
ऐसा महबूब पाने की उसकी भी नही औकात होगी
एक रोज ऐसी अपनी रात होगी❤️
©Virender Rawat
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