White बेरंग ना होते तो रंगों की खूबसूरती कैसे समझते
होती ना अगर निराशा तो आशा कैसे महसूस होती
नाउम्मीदी ने अगर तोड़ा है तो उम्मीद ने दामन भी कहां छोड़ा है
आज पराजय है तो कल विजय भी सुनिश्चित है
हर एक रात के बाद दिन का उजाला है।
कोई भी अकेला नहीं हर भाव के दो चरित्र है।यहां दुख है तो सुखों की भी छाया है।
जीवन आने और जाने की परंपरा है इसे हम सबको निभाना है।
©Drjagriti
#जीवन के तालमेल