जिदंगी की ये हादसें,कुछ खुशी तो कुछ गम मिलें। ऑर स | हिंदी शायरी

"जिदंगी की ये हादसें,कुछ खुशी तो कुछ गम मिलें। ऑर सफर वहां इंतिहा बनी,जहाँ मुकम्मल दिन थोड़े कम मिले।। ©Nirupam Anand Singh"

 जिदंगी की ये हादसें,कुछ खुशी तो कुछ गम मिलें।
ऑर सफर वहां इंतिहा बनी,जहाँ मुकम्मल दिन थोड़े कम मिले।।

©Nirupam Anand Singh

जिदंगी की ये हादसें,कुछ खुशी तो कुछ गम मिलें। ऑर सफर वहां इंतिहा बनी,जहाँ मुकम्मल दिन थोड़े कम मिले।। ©Nirupam Anand Singh

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