"उठ खड़ा हो हिम्मत से"
उठ खड़ा हो हिम्मत से।
फिर डटकर तू संघर्ष कर।।
भेद दे जीवन के लक्ष्य को।
साहस के तीरों से वार कर।।
कुंठित से मन को जगाकर।
फिर से एक हुंकार भर।।
सपनों की बुनियाद बनाकर।
उन्हें बुनने की तू कोशिश कर।।
क्यों बेठा है मन को हार कर।
फिर जीतने की कोशिश कर।।
ढूंढकर अपनी मंजिल को।
उसे पाने की तू कोशिश कर।।
क्यों डरता है सुख दुख के पथ से।
उस पे चलने की तू कोशिश कर।।
सत कर्मो का मार्ग देख कर।
उस ईशवर को तू याद कर।।
समझ कर मन की धारा को।
तू फिर से एक प्रयास कर।।
उठ खड़ा हो हिम्मत से।
फिर डटकर तू संघर्ष कर।।
उठ खड़ा हो हिम्मत से