हर अल्फाज के पीछे ज़ज्बात बहुत गहरे होते हैं मेरे | हिंदी Shayari

"हर अल्फाज के पीछे ज़ज्बात बहुत गहरे होते हैं मेरे पर अपने न समझ सकें तो गैरों को कैसे समझ आयेंगे सब छलिया कहने लगे हैं मुझे ऐ ख़ुदा उनको मेरे अपनेपन के अंदाज कहाँ नजर आयेंगे।।।।।। मैंने ग़मों में भी सौदे किए हैं लोगों से मेरे मुस्कान के राज को ये कैसे जान पाएंगे।।। अब मोहब्बत से भी दिल भर चुका है मेरा उसमें जिल्लत के घूंट ये कैसे पी पाएंगे।।। ©Rowdy Girl"

 हर अल्फाज के पीछे ज़ज्बात बहुत गहरे होते हैं मेरे 
पर अपने न समझ सकें तो गैरों को कैसे समझ आयेंगे 
सब छलिया कहने लगे हैं मुझे ऐ ख़ुदा 
उनको मेरे अपनेपन के अंदाज कहाँ नजर आयेंगे।।।।।।
मैंने ग़मों में भी सौदे किए हैं लोगों से 
मेरे मुस्कान के राज को ये कैसे जान पाएंगे।।।
अब मोहब्बत से भी दिल भर चुका है मेरा 
उसमें जिल्लत के घूंट ये कैसे पी पाएंगे।।।

©Rowdy Girl

हर अल्फाज के पीछे ज़ज्बात बहुत गहरे होते हैं मेरे पर अपने न समझ सकें तो गैरों को कैसे समझ आयेंगे सब छलिया कहने लगे हैं मुझे ऐ ख़ुदा उनको मेरे अपनेपन के अंदाज कहाँ नजर आयेंगे।।।।।। मैंने ग़मों में भी सौदे किए हैं लोगों से मेरे मुस्कान के राज को ये कैसे जान पाएंगे।।। अब मोहब्बत से भी दिल भर चुका है मेरा उसमें जिल्लत के घूंट ये कैसे पी पाएंगे।।। ©Rowdy Girl

@Sanaya Sharma @Madhiya Mir IshQ परस्त {Official} Ehsaas"(ˈvamˌpī(ə)r)"Radio @Shahab Nisha Tiwari.

#Journey

People who shared love close

More like this

Trending Topic