मौसम की तरह तुम इस तरह से वो अगर अपनी जुल्फें न बि
"मौसम की तरह तुम इस तरह से वो अगर अपनी जुल्फें न बिखराते
तो आकाश में ऐसे बादल भी न छाते
सुबह ही शाम न होती अंधेरा भी न होता गर
आंखों में देखकर मेरी वो पलके न झुकाते
@kvjeet"
मौसम की तरह तुम इस तरह से वो अगर अपनी जुल्फें न बिखराते
तो आकाश में ऐसे बादल भी न छाते
सुबह ही शाम न होती अंधेरा भी न होता गर
आंखों में देखकर मेरी वो पलके न झुकाते
@kvjeet