"एहसास लिखू अल्फाज लिखू ,
या जज्बातो के हलात लिखू।
जरा मुझको ही बतला दे तु ,
कैसे हाल-ए-दिल के राज लिखू।
सफर मेरा अब कसीर है,
क्या मन्जिल मै अब पास लिखू।
चल रहने दे अब मिलना जुलना
तेरे वक्तो पर ही कुछ बात लिखू।"
एहसास लिखू अल्फाज लिखू ,
या जज्बातो के हलात लिखू।
जरा मुझको ही बतला दे तु ,
कैसे हाल-ए-दिल के राज लिखू।
सफर मेरा अब कसीर है,
क्या मन्जिल मै अब पास लिखू।
चल रहने दे अब मिलना जुलना
तेरे वक्तो पर ही कुछ बात लिखू।