पापा की प्यारी हूं, सबकी दुलारी हू।
उंगली पकड़कर चली मैं,कब पापा ने चलना सिखाया,
अब तो बड़ी हो रही मैं, पापा ने जीना सिखाया,
मैं ना जानूं कहा से वो लाते हैं, ढेरों वो सपने सजाते हैं
कैसे वो ये सब कर पाते हैं,जाने कैसे वो सब कर पाते हैं।
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©Shail Joshi
#मेरे पापा