माना मुझमें कोई ग़लती नहीं पर
मैं कोई खिलौना तो नहीं।
माना मुझमें कोई कमी नहीं पर
मैं कोई सहनशक्ति का खज़ाना तो नहीं।।
तुझे तेरी ग़लती नहीं दिखती तो
मुझ पर कमियाँ निकालकर क्या फ़ायदा?
तुझे रिश्ते की अहमियत नहीं महसूस होती तो
मुझ पर टिप्पणियाँ कर क्या फ़ायदा?
काश! तुझे कर्म और रिश्ते की ख़ूबसूरती का एहसास हो जाये
काश! तुझे जीवन और ज़िंदगी का असली अर्थ समझ आ जाये।
©Jitendra VIJAYSHRI Pandey "JEET "
#Blossom