जिसे पीकर मुझे उस बेवफा की याद ना आए | हिंदी शायरी

"जिसे पीकर मुझे उस बेवफा की याद ना आए मेरी आंखों में आंसुओं का कोई सैलाब ना आए मुझे पैगाम दे साकी कोई भी नाम दे साकी मैं उसको भूल जाऊं ऐसा जाम दे साकी हाथों से पीला बातों से गिला अधरों से पीला नजरों से पीला आज इतनी पिला दे साकी रहे ना होस बाकी ना रहे हो हौस बाकी ऐसा जाम दे साकी ओ साकी साकी। इतनी पिला दे साकी। आज इतनी पिला दे साकी जिसका हिसाब ना हो उसकी याद ना आए और नशा खराब ना हो छोड़ दिया है अब तो मैंने तेरे ख्वाबों में भी आना कि जिस में तू आ जाए कोई भी ऐसा ख्वाब ना हो हाथों से पिला बातों से पीला नजरों से पिला अधरों पीला आज इतनी पिला दे साथी रहे ना हॉर्स बाकि ना रहे हो स बाकी ऐसा जाम दे साकी मैं उसको भूल जाऊं ऐसा जाम दे साकी ओ साकी साकी रे साकी साकी खाली मेरा पैमाना क्यों है तेरे मयखाने में फिर से कोई बहाना क्यों है तेरे मयखाने में अब तो जाना छोड़ दिया है हमने तेरी गलियों में अब तो जिंदगी बितानी है मुझे तेरे मयखाने में हाथों से खिला बातों से पीला नजरों से गिला अधुरो से पीला आज इतनी पिला दे साथी रहे ना हौस बाकी। ना रहे होश बाकी। ऐसा जाम दे साकी मैं उसको भूल जाऊं ऐसा जाम दे साकी ओ साकी साकी रे साकी साकी ©Ved Prakash"

 जिसे    पीकर मुझे उस बेवफा की याद ना आए                           मेरी आंखों में आंसुओं  का कोई सैलाब ना आए                                                   मुझे पैगाम दे साकी कोई भी नाम दे साकी                                                  मैं उसको भूल जाऊं ऐसा जाम दे साकी                                                      हाथों से पीला बातों से गिला अधरों से पीला नजरों से पीला                         आज इतनी पिला दे साकी रहे ना होस  बाकी                                                  ना रहे हो हौस  बाकी ऐसा जाम दे साकी         ओ साकी साकी।                   इतनी पिला दे साकी।                                              आज इतनी पिला दे साकी जिसका हिसाब ना हो                  उसकी याद ना आए और  नशा खराब ना हो                                         छोड़ दिया है अब तो मैंने तेरे ख्वाबों में भी आना                   कि जिस में तू आ जाए कोई भी ऐसा ख्वाब ना हो                           हाथों से पिला  बातों से पीला नजरों से पिला अधरों  पीला                  आज इतनी पिला दे साथी रहे ना हॉर्स बाकि                  ना रहे हो स बाकी ऐसा जाम दे साकी                         मैं उसको भूल जाऊं ऐसा जाम दे साकी                ओ साकी साकी रे साकी साकी                             खाली मेरा पैमाना क्यों है तेरे मयखाने में            फिर से कोई बहाना क्यों है तेरे मयखाने में               अब तो जाना छोड़ दिया है हमने तेरी गलियों में                       अब तो जिंदगी बितानी है मुझे तेरे मयखाने में                  हाथों से खिला बातों से पीला नजरों से गिला अधुरो  से पीला               आज इतनी पिला दे साथी रहे ना हौस बाकी।  ना रहे होश बाकी।    ऐसा जाम दे साकी         मैं उसको भूल जाऊं ऐसा जाम दे साकी        ओ साकी साकी रे साकी साकी

©Ved Prakash

जिसे पीकर मुझे उस बेवफा की याद ना आए मेरी आंखों में आंसुओं का कोई सैलाब ना आए मुझे पैगाम दे साकी कोई भी नाम दे साकी मैं उसको भूल जाऊं ऐसा जाम दे साकी हाथों से पीला बातों से गिला अधरों से पीला नजरों से पीला आज इतनी पिला दे साकी रहे ना होस बाकी ना रहे हो हौस बाकी ऐसा जाम दे साकी ओ साकी साकी। इतनी पिला दे साकी। आज इतनी पिला दे साकी जिसका हिसाब ना हो उसकी याद ना आए और नशा खराब ना हो छोड़ दिया है अब तो मैंने तेरे ख्वाबों में भी आना कि जिस में तू आ जाए कोई भी ऐसा ख्वाब ना हो हाथों से पिला बातों से पीला नजरों से पिला अधरों पीला आज इतनी पिला दे साथी रहे ना हॉर्स बाकि ना रहे हो स बाकी ऐसा जाम दे साकी मैं उसको भूल जाऊं ऐसा जाम दे साकी ओ साकी साकी रे साकी साकी खाली मेरा पैमाना क्यों है तेरे मयखाने में फिर से कोई बहाना क्यों है तेरे मयखाने में अब तो जाना छोड़ दिया है हमने तेरी गलियों में अब तो जिंदगी बितानी है मुझे तेरे मयखाने में हाथों से खिला बातों से पीला नजरों से गिला अधुरो से पीला आज इतनी पिला दे साथी रहे ना हौस बाकी। ना रहे होश बाकी। ऐसा जाम दे साकी मैं उसको भूल जाऊं ऐसा जाम दे साकी ओ साकी साकी रे साकी साकी ©Ved Prakash

बेवफा

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