छठ पर्व अपने आप में एक संस्कृति है... दुनिया उगते | हिंदी कविता

"छठ पर्व अपने आप में एक संस्कृति है... दुनिया उगते हुए सूर्य को प्रणाम करती है... हमारा छठ पर्व बताता है कि जो ढलता है वही उगता भी है... उसका पूजा जाना ही आस्था है... उसका पूजा जाना विश्वास है... छठी मईया होई ना सहाय..."

 छठ पर्व अपने आप में एक संस्कृति है...
दुनिया उगते हुए सूर्य को प्रणाम करती है...
हमारा छठ पर्व बताता है कि जो ढलता है वही उगता भी है...
उसका पूजा जाना ही आस्था है...
उसका पूजा जाना विश्वास है...
छठी मईया होई ना सहाय...

छठ पर्व अपने आप में एक संस्कृति है... दुनिया उगते हुए सूर्य को प्रणाम करती है... हमारा छठ पर्व बताता है कि जो ढलता है वही उगता भी है... उसका पूजा जाना ही आस्था है... उसका पूजा जाना विश्वास है... छठी मईया होई ना सहाय...

छठ पर्व 🙏❤️

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