White मेरे लिए ही तुम बंद पिंजड़े के पंछी थी। दुसर | हिंदी शायरी

"White मेरे लिए ही तुम बंद पिंजड़े के पंछी थी। दुसरो के लिए तो तुम आज़ाद परिंदा, उड़ जाने दे ब्रिस्केट...उसे रहे वो गुमान में और रहो तुम शर्मिंदा, ©Brisket Roy"

 White मेरे लिए ही तुम बंद पिंजड़े के पंछी थी।
दुसरो के लिए तो तुम आज़ाद परिंदा,
उड़ जाने दे ब्रिस्केट...उसे
रहे वो गुमान में और रहो तुम शर्मिंदा,

©Brisket Roy

White मेरे लिए ही तुम बंद पिंजड़े के पंछी थी। दुसरो के लिए तो तुम आज़ाद परिंदा, उड़ जाने दे ब्रिस्केट...उसे रहे वो गुमान में और रहो तुम शर्मिंदा, ©Brisket Roy

#sad_shayari

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