इन ख़ामोश आँखों में छिपे, हैं कुछ अनकहे जज़्बात। एक | हिंदी शायरी Video
"इन ख़ामोश आँखों में छिपे,
हैं कुछ अनकहे जज़्बात।
एक मीठी मुस्कान या फिर,
रजनी में छिपी नयन बरसात।
छिपी है कोई नाराज़गी यहाँ,
या पिया मिलन की चाहत।
इन ख़ामोश आंखों के राज़,
पढ़ सको तो पढ़ लो आज।"
इन ख़ामोश आँखों में छिपे,
हैं कुछ अनकहे जज़्बात।
एक मीठी मुस्कान या फिर,
रजनी में छिपी नयन बरसात।
छिपी है कोई नाराज़गी यहाँ,
या पिया मिलन की चाहत।
इन ख़ामोश आंखों के राज़,
पढ़ सको तो पढ़ लो आज।