रखूं तो एक निशानी हूं मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूं मैं
रोक ना पाया, ये सारी दुनिया
वो एक बूंद आंख का पानी हूं मैं...
युवाओं से प्यार जताने की आदत है हमें
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमें
भी गहरी जख्म दे कोई भी चीज ही
सबसे ज्यादा मुस्कुराहट की आदत है हमें..
इस अजनबी दुनिया में तन्हा ख्वाब हूं मैं
मसालों से खफा छोटा सा जवाब हूं
जो समझ ना सके मुझे उनके लिए कौन कौन
समझ आया उनकी खुली किताब मैं..
आंखों से देखोगे तो खुश पाओगे
दिल से पूछोगे तो दर्द का सालाब हूं मैं
अगर रखूं तो एक अनोखी हूं मैं
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूं मैं...
😇🌹✍️
©Premchand Soni
Ek Nishaani Hun Main #EkNishaaniHunMain