"तू नाराज़ है खुदा हम इंसानों से
तभी मंदिर , मस्जिद बन्द है
सजा दे रहा है, जो कुदरत से खिलवाड़ कि
आज उन बारिश की बूंदों से एहसास हुआ
कहीं ना कहीं तुझे भी तकलीफ हो रही है"
तू नाराज़ है खुदा हम इंसानों से
तभी मंदिर , मस्जिद बन्द है
सजा दे रहा है, जो कुदरत से खिलवाड़ कि
आज उन बारिश की बूंदों से एहसास हुआ
कहीं ना कहीं तुझे भी तकलीफ हो रही है