फिर उन्होंने तय किया, कि संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर द्वारिकाधीश के दर्शन करने जाऊंगा। इस मंशा के साथ वह द्वारिकाधीश पहुंचे। भगवान द्वारिकाधीश के प्रसाद के रूप में लड्डू लेकर गए मंदिर में पहुंचकर राजा अजमल ने बहुत ही दुखी और भारी मन से भगवान द्वारिकाधीश की मूर्ति के सामने अपनी सारी व्यथा रखी।
अपनी सारी बात करने के बाद वो मूर्ति को एकटक देखते रहे। उन्हें ऐसे लगा कि भगवान की मूर्ति उन्हें मुस्कुराती हुई देख रही है। ऐसा देख अजमल जी को गुस्सा आया और उन्होंने वह प्रसाद रूपी लड्डू जो कि द्वारिकाधीश के लिए लाए थे, वह मूर्ति पर फेक दिया, जो कि द्वारिकाधीश की मूर्ति के सिर पर जा लगा। यह सब वाक्य देख मंदिर में स्थित पुजारी को लगा की राजा पागल हो गये है। पुजारी ने राजा अजमल जी को बोला, कि भगवान यहां नहीं है। भगवान तो समुद्र में सो रहे हैं। अगर आपको उनसे मिलना है, तो जाओ समुद्र में जाकर उनसे मिलो।
©रामजी की बेटी
#Chhuan part 3