White मेरी कलम की स्याह की तरलता में
कही भीग न जाओ तुम
हाँ, लिख सकता हूँ मैं कुछ
इस तरह से तुम्हें
पर तुम अंतरिक्ष का वो तारा हो
जिसे मैं रोज देखता हूं
हां तुम्हारी पलकों में कैद हुआ है
नभ का अंश,
जहाँ तुम्हारी हँसी के तारे जगमगाते है
अनगिनत....
©Mahendra Jain
#Love